हमारे हिंदी फ़िल्मी जगत की मशहूर एक्ट्रेस कंगना रानौत और संगीतकार जावेत अख्तर के बीच की जंग थमने का नाम नही ले रही है बीते शुक्रबार के दिन जावेद अख्तर ने बाम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई के दौरान गीतकार जावेद अख्तर को एक बार फिर से हाईकोर्ट ने नकारा साबित कर दिया है।

26 जुलाई मुंबई हाईकोर्ट ने जावेद अख्तर द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है। इस याचिका में जावेद अख्तर ने यह दावा पेश किया था कि बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौतजान बूझकर पासपोर्ट नवीनीकरण करवाने के दौरान अदालत से कुछ बातें छुपा रही थी।
पासपोर्ट नवीनीकरण का है मामला
दरअसल जावेद अख्तर (Javed Akhtar) बेवजह कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को हवालात की हवा खिलाना चाहते थे। लेकिन यह दावा उन्हें उल्टा पड़ गया। जावेद अख्तर (Javed Akhtar) की तरफ से अदालत में पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि कंगना रनौत (Kangna Ranaut) का मौजूदा बयान किसी भी अदालत में लंबित नहीं है वह लोगों को सही जानकरी नहीं दे रही है। ग्रोवर ने आगे कहा कि कंगना रनौत (Kangna Ranaut) अपना पासपोर्ट लेने के लिए गलत तरीके का इस्तेमाल किया। इसी को देखते हुए जावेद अख्तर ने याचिका दायर की थी।

जावेद अख्तर की याचिका पर सुनवाई करने से कोर्ट ने किया इनकार
इसके बाद ही मुंबई हाई कोर्ट के जस्टिस एस शिंदे और जस्टिस एन जे जमादार की पीठ ने जावेद अख्तर द्वारा दायर याचिका की सुनवाई को नकारते हुए कहा कि “हम आपकी बात नहीं सुनेंगे। आपको अदालत को संबोधित करने का कोई अधिकार नहीं है। अगर हम इस तरह के हस्तक्षेप की अनुमति देते हैं तो सैकड़ों आवेदन दिए जाएँगे।” दरअसल जिस चीज के लिए जावेद अख्तर(Javed Akhtar), कंगना रनौत को आड़े हाथों लेना चाहते थे वह मुद्दा बहुत ही छोटा और शून्य के बराबर था।
अदालत ने कहा अगर हम ऐसे मामले सुनते रहे तो मामलों की बाढ़ आ जाएगी

अदालत ने जावेद अख्तर (Javed Akhtar) को सुझाव देते हुए कहा कि “अगर इस तरह के आवेदन हैं तो इसके लिए एक सरकारी वकील है, एक अभियोजक है, उनसे जा कर मिले। हम इस तरह का काम नहीं कर सकते हैं।” अदालत के जज जस्टिस शिंदे ने हिदायत देते हुए आगे कहा कि “अगर हम इस तरह के आवेदनों को अनुमति देते रहे तो अदालतों में ऐसे मामलों की बाढ़ आ जाएगी। इस मामले में सरकारी वकील प्रतिवादी हैं। अगर आप कुछ कहना चाहते हैं तो उनके माध्यम से कहें।”